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Cryptocurrency Trading: Potential and Pitfalls
Read More: Cryptocurrency Trading: Potential and PitfallsCryptocurrency trading has emerged as a dynamic and rapidly evolving market, characterized by high volatility, technological innovation, and growing investor interest. While cryptocurrencies offer potential opportunities for profit and…
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काल करे सो आज कर, आज करै सो अब (अर्थ)
Read More: काल करे सो आज कर, आज करै सो अब (अर्थ)काल करे सो आज कर, आज करै सो अब । पल में परलय जोयागी, बहुर करैगा कब ।। अर्थ: जो कार्य, हे प्राणी कल करने का विचार है उसको…
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काह भरोसा देह का, बिनस जात छिन मारहिं (अर्थ)
Read More: काह भरोसा देह का, बिनस जात छिन मारहिं (अर्थ)काह भरोसा देह का, बिनस जात छिन मारहिं । साँस-साँस सुमिरन करो, और यतन कछु नाहिं ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि इस पंच तत्व शरीर का क्या…
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कबीरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय (अर्थ)
Read More: कबीरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय (अर्थ)कबीरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय । टूट-टूट के कारनै, स्वान धरे धर जाय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि कि गज के धैर्य धारण करने…
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कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान (अर्थ)
Read More: कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान (अर्थ)कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान । जम जब घर ले जाएँगे, पड़ा रहेगा म्यान ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि हे जीव सोकर क्या करेगा…
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कबीरा लहर समुद्र की, निष्फल कभी न जाय (अर्थ)
Read More: कबीरा लहर समुद्र की, निष्फल कभी न जाय (अर्थ)कबीरा लहर समुद्र की, निष्फल कभी न जाय । बगुला परख न जानई, हंसा चुग-चुग खे ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि समुद्र की लहर भी निष्फल नहीं…
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को छुटौ इहिं जाल परि, कत फुरंग अकुलाय (अर्थ)
Read More: को छुटौ इहिं जाल परि, कत फुरंग अकुलाय (अर्थ)को छुटौ इहिं जाल परि, कत फुरंग अकुलाय । ज्यों-ज्यों सुरझि भजौ चहै, त्यों-त्यों उरझत जाय ।। अर्थ: इस संसार बंधन से कोई नहीं छूट सकता । पक्षी जैसे-जैसे…
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कबीरा संगत साधु की, निष्फल कभी न होय (अर्थ)
Read More: कबीरा संगत साधु की, निष्फल कभी न होय (अर्थ)कबीरा संगत साधु की, निष्फल कभी न होय । होमी चन्दन बासना, नीम न कहसी कोय ।। अर्थ: साधु की संगति कभी निष्फल नहीं जाती है, चन्दन के हवन…
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कबीरा संगति साधु की, जित प्रीत किजै जाय (अर्थ)
Read More: कबीरा संगति साधु की, जित प्रीत किजै जाय (अर्थ)कबीरा संगति साधु की, जित प्रीत किजै जाय । दुर्गति दूर वहावती, देवी सुमति बनाय ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि साधु की संगति नित्य ही करनी चाहिए…
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कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय (अर्थ)
Read More: कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय (अर्थ)कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय । दुख बासे भागा फिरै, सुख में रहै समाय ।। अर्थ: संतों की संगति में रहने से मन से कलह एवं कल्पनादिक आधि-व्याधियाँ…
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कबीरा गरब न कीजिए, कबहुँ न हँसिये कोय (अर्थ)
Read More: कबीरा गरब न कीजिए, कबहुँ न हँसिये कोय (अर्थ)कबीरा गरब न कीजिए, कबहुँ न हँसिये कोय । अजहूँ नाव समुद्र में, का जानै का होय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य को कभी भी अपने…
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Alex Lorel
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