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The Rise of ESG Investing: Environmental, Social, and Governance Criteria
Read More: The Rise of ESG Investing: Environmental, Social, and Governance CriteriaESG (Environmental, Social, and Governance) investing has gained significant traction in recent years, reflecting a growing emphasis on sustainability, corporate responsibility, and ethical governance practices among investors. This article…
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एक ते जान अनंत, अन्य एक हो आय (अर्थ)
Read More: एक ते जान अनंत, अन्य एक हो आय (अर्थ)एक ते जान अनंत, अन्य एक हो आय । एक से परचे भया, एक बाहे समाय ।। अर्थ: एक से बहुत हो गए और फिर सब एक हो जाओगे…
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कबीरा संगति साधु की, हरे और की व्याधि (अर्थ)
Read More: कबीरा संगति साधु की, हरे और की व्याधि (अर्थ)कबीरा संगति साधु की, हरे और की व्याधि । संगति बुरी असाधु की, आठो पहर उपाधि ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि साधु की संगति ही भली है…
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कबीरा संगति साधु की, जौ की भूसी खाय (अर्थ)
Read More: कबीरा संगति साधु की, जौ की भूसी खाय (अर्थ)कबीरा संगति साधु की, जौ की भूसी खाय । खरी खाँड़ भोजन मिले, ताकर संग न जाय ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि साधु की संगति में जौ…
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कबीरा संगत साधु की, ज्यों गंधी की वास (अर्थ)
Read More: कबीरा संगत साधु की, ज्यों गंधी की वास (अर्थ)कबीरा संगत साधु की, ज्यों गंधी की वास । जो कुछ गंधी दे नहीं, तो भी बास सुवास ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि साधु की संगति गंधी…
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ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय (अर्थ)
Read More: ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय (अर्थ)ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय । नीचा हो सो भरिए पिए, ऊँचा प्यासा जाय ।। अर्थ: पानी ऊँचे पर नहीं ठहरता है, इसलिए नीचे झुकने वाला पानी…
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ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊंच न होय (अर्थ)
Read More: ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊंच न होय (अर्थ)ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊंच न होय । सुबरन कालस सुरा भरा, साधु निन्दा सोय ।। अर्थ: अगर उच्च कुल में जन्म लेने वाला व्यक्ति अच्छे कर्म…
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ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय (अर्थ)
Read More: ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय (अर्थ)ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय । औरन को शीतल करे, आपौ शीतल होय ।। अर्थ: मन से घमंड को बिसार कर ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो दूसरों…
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एक कहूँ तो है नहीं, दूजा कहूँ तो गार (अर्थ)
Read More: एक कहूँ तो है नहीं, दूजा कहूँ तो गार (अर्थ)एक कहूँ तो है नहीं, दूजा कहूँ तो गार । है जैसा तैसा रहे, रहे कबीर विचार ।। अर्थ: कबीर कहते हैं यदि मैं ईश्वर को एक कहूँ तो…
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अवगुन कहूँ शराब का, आपा अहमक होय (अर्थ)
Read More: अवगुन कहूँ शराब का, आपा अहमक होय (अर्थ)अवगुन कहूँ शराब का, आपा अहमक होय । मानुष से पशुया भया, दाम गाँठ से खोय ।। अर्थ: तुमसे शराब की बुराई करता हूँ कि शराब पीकर आप पागल…
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उतने कोई न आवई, पासू पूछूँ धाय (अर्थ)
Read More: उतने कोई न आवई, पासू पूछूँ धाय (अर्थ)उतने कोई न आवई, पासू पूछूँ धाय । इतने ही सब जात है, भार लदाय लदाय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि कोई भी जीव स्वर्ग से नहीं…
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Alex Lorel
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