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Long-term vs. Short-term Investment Strategies: Choosing the Right Approach
Read More: Long-term vs. Short-term Investment Strategies: Choosing the Right ApproachInvestors face a fundamental choice when considering their investment strategies: whether to focus on long-term investments or pursue short-term opportunities. Each approach comes with its own set of advantages,…
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कबीर सोता क्या करे, जागो जपो मुरार (अर्थ)
Read More: कबीर सोता क्या करे, जागो जपो मुरार (अर्थ)कबीर सोता क्या करे, जागो जपो मुरार । एक दिना है सोवना, लांबे पाँव पसार ।। अर्थ: कबीर अपने को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हे कबीर! तू…
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कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे बन माहिं (अर्थ)
Read More: कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे बन माहिं (अर्थ)कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे बन माहिं । ऐसे घट-घट राम है, दुनिया देखे नाहिं ।। अर्थ: भगवान प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में विद्यमान है परंतु सांसारिक प्राणी उसे…
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करता था सो क्यों किया, अब कर क्यों पछिताय (अर्थ)
Read More: करता था सो क्यों किया, अब कर क्यों पछिताय (अर्थ)करता था सो क्यों किया, अब कर क्यों पछिताय । बोया पेड़ बाबुल का, आम कहाँ से खाय ।। अर्थ: कार्य को विचार कर करना चाहिए, जिस प्रकार बबूल…
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कहे कबीर देय तू, जब तक तेरी देह (अर्थ)
Read More: कहे कबीर देय तू, जब तक तेरी देह (अर्थ)कहे कबीर देय तू, जब तक तेरी देह । देह खेह हो जाएगी, कौन कहेगा देह ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जब तक तू जीवित है तब…
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कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर (अर्थ)
Read More: कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर (अर्थ)कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर । ताही का बखतर बने, ताही की शमशेर ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि एक ही धातु लोहे को अनेक…
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कबीर मन पंछी भया,भये ते बाहर जाय (अर्थ)
Read More: कबीर मन पंछी भया,भये ते बाहर जाय (अर्थ)कबीर मन पंछी भया,भये ते बाहर जाय । जो जैसे संगति करै, सो तैसा फल पाय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि मेरा मन एक पक्षी के समान…
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कहता तो बहूँना मिले, गहना मिला न कोय (अर्थ)
Read More: कहता तो बहूँना मिले, गहना मिला न कोय (अर्थ)कहता तो बहूँना मिले, गहना मिला न कोय । सो कहता वह जाने दे, जो नहीं गहना कोय ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि इस संसार में आत्मज्ञान…
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कुटिल बचन सबसे बुरा,जासे होत न हार (अर्थ)
Read More: कुटिल बचन सबसे बुरा,जासे होत न हार (अर्थ)कुटिल बचन सबसे बुरा,जासे होत न हार । साधु बचन जल रूप है, बरसे अमृत धार ।। अर्थ: कठोर वचन सबसे बुरी वस्तु है, यह मनुष्य के शरीर को…
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कहा कियो हम आय कर, कहा करेंगे पाय (अर्थ)
Read More: कहा कियो हम आय कर, कहा करेंगे पाय (अर्थ)कहा कियो हम आय कर, कहा करेंगे पाय । इनके भये न उतके, चाले मूल गवाय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जीव के पैदा होने का कोई…
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काया काढ़ा काल धुन, जतन-जतन सो खाय (अर्थ)
Read More: काया काढ़ा काल धुन, जतन-जतन सो खाय (अर्थ)काया काढ़ा काल धुन, जतन-जतन सो खाय । काया ब्रह्म ईश बस, मर्म न काहूँ पाय ।। अर्थ: काष्ठ रूपी काया को काल रूपी धुन भिन्न-भिन्न प्रकार से खा…
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Alex Lorel
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