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The Impact of Interest Rates on Stock Market Performance
Read More: The Impact of Interest Rates on Stock Market PerformanceInterest rates are one of the most critical factors influencing stock market performance. Set by central banks, interest rates impact borrowing costs, consumer spending, business investments, and overall economic…
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तन बोहत मन काग है, लक्ष योजन उड़ जाय (अर्थ)
Read More: तन बोहत मन काग है, लक्ष योजन उड़ जाय (अर्थ)तन बोहत मन काग है, लक्ष योजन उड़ जाय । कबहुँ के धर्म अगमदयी, कबहुँ गगन समाय ।। अर्थ: मनुष्य का शरीर विमान के समान है और मन काग…
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तब लग तारा जगमगे, जब लग उगे नसूर (अर्थ)
Read More: तब लग तारा जगमगे, जब लग उगे नसूर (अर्थ)तब लग तारा जगमगे, जब लग उगे नसूर । तब लग जीव कर्मवश, जब लग ज्ञान ना पूर ।। अर्थ: जब तक सूर्य उदय नहीं होता तब तक तारा…
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दिल का मरहम कोई न मिला, जो मिला सो गर्जी (अर्थ)
Read More: दिल का मरहम कोई न मिला, जो मिला सो गर्जी (अर्थ)दिल का मरहम कोई न मिला, जो मिला सो गर्जी । कहे कबीर बादल फटा, क्यों कर सीवे दर्जी ।। अर्थ: इस संसार में ऐसा कोई नहीं मिला, जो…
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तन को जोगी सब करे, मन को बिरला कोय (अर्थ)
Read More: तन को जोगी सब करे, मन को बिरला कोय (अर्थ)तन को जोगी सब करे, मन को बिरला कोय । सहजै सब बिधिपाइये, जो मन जोगी होय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि शरीर से तो सभी योगी…
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तीर तुपक से जो लड़ै, सो तो शूर न होय (अर्थ)
Read More: तीर तुपक से जो लड़ै, सो तो शूर न होय (अर्थ)तीर तुपक से जो लड़ै, सो तो शूर न होय । माया तजि भक्ति करे, सूर कहावै सोय ।। अर्थ: वह मानव वीर नहीं कहलाता जो केवल धनुष और…
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तेरा साईं तुझ में, ज्यों पहुन में बास (अर्थ)
Read More: तेरा साईं तुझ में, ज्यों पहुन में बास (अर्थ)तेरा साईं तुझ में, ज्यों पहुन में बास । कस्तूरी का हिरण ज्यों, फिर-फिर ढूँढ़त घास ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य तेरा स्वामी भगवान तेरे ही…
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ते दिन गये अकारथी, संगत भई न संत (अर्थ)
Read More: ते दिन गये अकारथी, संगत भई न संत (अर्थ)ते दिन गये अकारथी, संगत भई न संत । प्रेम बिना पशु जीवना, भक्ति बिना भगवंत ।। अर्थ: जितना जीवन का समय सत्संग के बिना किए व्यतीत ही गया…
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तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँव तले भी होय (अर्थ)
Read More: तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँव तले भी होय (अर्थ)तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँव तले भी होय । कबहुँ उड़ आँखों पड़े, पीर घनेरी होय ।। अर्थ: तिनके का भी अनादर नहीं करना चाहिए । चाहे वह…
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तीरथ गए से एक फल, सन्त मिलै फल चार (अर्थ)
Read More: तीरथ गए से एक फल, सन्त मिलै फल चार (अर्थ)तीरथ गए से एक फल, सन्त मिलै फल चार । सतगुरु मिले अधिक फल, कहै कबीर बिचार ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि यदि जीव तीर्थ करता है…
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जो जन भीगे राम रस, विगत कबहूँ ना रुख (अर्थ)
Read More: जो जन भीगे राम रस, विगत कबहूँ ना रुख (अर्थ)जो जन भीगे राम रस, विगत कबहूँ ना रुख । अनुभव भाव न दरसे, वे नर दुःख ना सुख ।। अर्थ: जिस तरह सूखा पेड़ नहीं फलता इसी तरह…
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Alex Lorel
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