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The Rise of Algorithmic Trading: Benefits and Risks
Read More: The Rise of Algorithmic Trading: Benefits and RisksAlgorithmic trading, often referred to as algo trading or automated trading, represents a significant evolution in financial markets, revolutionizing how trades are executed and managed. This article explores the…
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छात्रों के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke dohe
Read More: छात्रों के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke doheछात्रों के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for students in hindi) उलटे सुलटे बचन के, सीस ना मानै दुख कहै कबीर संसार मे, सो कहिये गुरु मुख।…
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क्रोध के ऊपर कबीर – kabir ke dohe
Read More: क्रोध के ऊपर कबीर – kabir ke doheक्रोध के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for Anger in hindi) यह जग कोठी काठ की, चहुं दिश लागी आग भीतर रहै सो जलि मुझे, साधू उबरै…
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बुद्धि के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke dohe
Read More: बुद्धि के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke doheबुद्धि के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for Intelligence in hindi) जिनमे जितनी बुद्धि है, तितनो देत बताय वाको बुरा ना मानिये, और कहां से लाय। अर्थ- जिसे…
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पैसे के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke dohe
Read More: पैसे के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke doheपैसे के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for money in hindi) कबीर पशु पैसा ना गहै, ना पहिरै पैजार ना कछु राखै सुबह को, मिलय ना सिरजनहार।…
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अनुभव के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke dohe
Read More: अनुभव के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke doheअनुभव के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for Experience in hindi) कागत लिखै सो कागदी, को व्यहाारि जीव आतम द्रिष्टि कहां लिखै , जित देखो तित पीव।…
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समय के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke dohe
Read More: समय के ऊपर कबीर के दोहे – kabir ke doheसमय के ऊपर कबीर के दोहे (kabir ke dohe for time in hindi) कबीर गाफील क्यों फिरय, क्या सोता घनघोर तेरे सिराने जाम खड़ा, ज्यों अंधियारे चोर। अर्थ- कबीर कहते…
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पत्ता बोला वृक्ष से, सुनो वृक्ष वनराय (अर्थ)
Read More: पत्ता बोला वृक्ष से, सुनो वृक्ष वनराय (अर्थ)पत्ता बोला वृक्ष से, सुनो वृक्ष वनराय । अब के बिछुड़े ना मिले, दूर पड़ेंगे जाय ।। अर्थ: पत्ता वृक्ष को सम्बोधन करता हुआ कहता है कि हे वनराय…
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पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजौं पहार (अर्थ)
Read More: पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजौं पहार (अर्थ)पाहन पूजे हरि मिलें, तो मैं पूजौं पहार । याते ये चक्की भली, पीस खाय संसार ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि यदि पत्थरों (मूर्तियों) के पूजन मात्र…
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पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात (अर्थ)
Read More: पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात (अर्थ)पानी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात । देखत ही छिप जाएगा, ज्यों सारा परभात ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य जीवन पानी के बुलबुले के समान…
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पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय (अर्थ)
Read More: पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय (अर्थ)पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय । एकै आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।। अर्थ: पुस्तकों को अध्ययन करते-करते जाने कितने व्यक्ति मर गए परंतु…
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Alex Lorel
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