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The Impact of High-Frequency Trading on Market Stability
Read More: The Impact of High-Frequency Trading on Market StabilityHigh-Frequency Trading (HFT) has become a dominant force in financial markets over the past decade. Utilizing sophisticated algorithms and powerful computer systems, HFT firms execute large numbers of orders…
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घी के तो दर्शन भले, खाना भला न तेल (अर्थ)
Read More: घी के तो दर्शन भले, खाना भला न तेल (अर्थ)घी के तो दर्शन भले, खाना भला न तेल । दाना तो दुश्मन भला, मूरख का क्या मेल ।। अर्थ: तेल खाने से घी के दर्शन करना ही उत्तम…
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घाट का परदा खोलकर, सन्मुख ले दीदार (अर्थ)
Read More: घाट का परदा खोलकर, सन्मुख ले दीदार (अर्थ)घाट का परदा खोलकर, सन्मुख ले दीदार । बाल सनेही साइयां, आवा अंत का यार ।। अर्थ: जो भगवान के शैशव अवस्था का सखा और आदि से समाप्ती तक…
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चन्दन जैसा साधु है, सर्पहि सम संसार (अर्थ)
Read More: चन्दन जैसा साधु है, सर्पहि सम संसार (अर्थ)चन्दन जैसा साधु है, सर्पहि सम संसार । वाके अङ्ग लपटा रहे, मन मे नाहिं विकार ।। अर्थ: साधु चन्दन के समान है और सांसारिक विषय वासना सर्प की…
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खेत ना छोड़े सूरमा, जूझे को दल माँह (arth)
Read More: खेत ना छोड़े सूरमा, जूझे को दल माँह (arth)खेत ना छोड़े सूरमा, जूझे को दल माँह । आशा जीवन मरण की, मन में राखे नाँह ।। अर्थ: जो बलवान है वह दो सेनाओं के बीच भी लड़ता…
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गाँठि न थामहिं बाँध ही, नहिं नारी सो नेह (अर्थ)
Read More: गाँठि न थामहिं बाँध ही, नहिं नारी सो नेह (अर्थ)गाँठि न थामहिं बाँध ही, नहिं नारी सो नेह । कह कबीर वा साधु की, हम चरनन की खेह ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जो साधु पुरुष…
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गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाँय (अर्थ)
Read More: गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाँय (अर्थ)गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाँय । बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय ।। अर्थ: गुरु और गोविंद मेरे सन्मुख दोनों खड़े हैं हुए हैं अब मैं किनके…
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गर्भ योगेश्वर गुरु बिना, लागा हर का सेव (अर्थ)
Read More: गर्भ योगेश्वर गुरु बिना, लागा हर का सेव (अर्थ)गर्भ योगेश्वर गुरु बिना, लागा हर का सेव । कहे कबीर बैकुंठ से, फेर दिया शुकदेव ।। अर्थ: यदि किसी ने अपना गुरु नहीं बनाया और जन्म से ही…
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कांचे भाड़े से रहे, ज्यों कुम्हार का नेह (अर्थ)
Read More: कांचे भाड़े से रहे, ज्यों कुम्हार का नेह (अर्थ)कांचे भाड़े से रहे, ज्यों कुम्हार का नेह । अवसर बोवे उपजे नहीं, जो नहिं बरसे मेह ।। अर्थ: जिस तरह कुम्हार बहुत ध्यान व प्रेम से कच्चे बर्तन…
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केतन दिन ऐसे गए, अन रुचे का नेह (अर्थ)
Read More: केतन दिन ऐसे गए, अन रुचे का नेह (अर्थ)केतन दिन ऐसे गए, अन रुचे का नेह । अवसर बोवे उपजे नहीं, जो नहिं बरसे मेह ।। अर्थ: बिना प्रेम की भक्ति के वर्ष बीत गया तो ऐसी…
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कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ)
Read More: कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ)कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय । चाहे कहूँ सत आइना, सो जग बैरी होय । अर्थ: यह कलयुग खोटा है और सारा जग अंधा है मेरी…
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Alex Lorel
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