Trending Tags
Featured Posts
Today's Stories
-
The Evolution of Stock Exchanges: From Floor Trading to Electronic Platforms
Read More: The Evolution of Stock Exchanges: From Floor Trading to Electronic PlatformsThe history of stock exchanges is a fascinating journey from the bustling trading floors of the past to the sleek, high-tech electronic platforms of today. This evolution has been…
Latest Articles
-
जाके मुख माथा नहीं, नाहीं रूप कुरूप (अर्थ)
Read More: जाके मुख माथा नहीं, नाहीं रूप कुरूप (अर्थ)जाके मुख माथा नहीं, नाहीं रूप कुरूप । पुछुप बास तें पामरा, ऐसा तत्व अनूप ।। अर्थ: निराकार ब्रह्म का कोई रूप नहीं है वह सर्वत्र व्यापक है न…
-
ज्यों नैनन में पूतली, त्यों मालिक घर मांहि (अर्थ)
Read More: ज्यों नैनन में पूतली, त्यों मालिक घर मांहि (अर्थ)ज्यों नैनन में पूतली, त्यों मालिक घर मांहि । मूर्ख लोग न जानिए, बाहर ढूँढ़त जांहि । अर्थ: जिस प्रकार नेत्रों के अंदर पुतली रहती है और वह सारे…
-
जा घट प्रेम न संचरे, सो घट जान समान (अर्थ)
Read More: जा घट प्रेम न संचरे, सो घट जान समान (अर्थ)जा घट प्रेम न संचरे, सो घट जान समान । जैसे खाल लुहार की, सांस लेतु बिन प्रान ।। अर्थ: जिस आदमी के हृदय में प्रेम नहीं है वह…
-
जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं काम (अर्थ)
Read More: जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं काम (अर्थ)जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं काम । दोनों कबहूं ना मिले, रवि रजनी एक ठाम ।। अर्थ: जहाँ पर काम वासना है वहाँ पर भगवान का…
-
जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ तहाँ पाप (अर्थ)
Read More: जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ तहाँ पाप (अर्थ)जहाँ दया तहाँ धर्म है, जहाँ लोभ तहाँ पाप । जहाँ क्रोध तहाँ काल है, जहाँ क्षमा तहाँ आप ।। अर्थ: जिस आदमी में दया है तो वहाँ पर…
-
जो तोकूं काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल (अर्थ)
Read More: जो तोकूं काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल (अर्थ)जो तोकूं काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल । तोकू फूल के फूल है, बांकू है तिरशूल ।। अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि जीव यदि तेरे लिए कोई…
-
जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय (अर्थ)
Read More: जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय (अर्थ)जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय । नाता तोड़ हरि भजे, भकत कहावै सोय ।। अर्थ: जब तक संसार की प्रवृत्तियों में जीव का मन…
-
जब लग भक्ति से काम है, तब लग निष्फल सेव (अर्थ)
Read More: जब लग भक्ति से काम है, तब लग निष्फल सेव (अर्थ)जब लग भक्ति से काम है, तब लग निष्फल सेव । कह कबीर वह क्यों मिले, निःकामा निज देव ।। अर्थ: जब तक भक्ति स्वार्थ के लिए है तब…
-
जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु हैं हम नाय (अर्थ)
Read More: जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु हैं हम नाय (अर्थ)जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु हैं हम नाय । प्रेम गली अति साँकरी, तामे दो न समाय ।। अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जीव कहता…
-
जबही नाम हृदय धरा, भया पाप का नास (अर्थ)
Read More: जबही नाम हृदय धरा, भया पाप का नास (अर्थ)जबही नाम हृदय धरा, भया पाप का नास । मानो चिनगी आग की, परी पुरानी घास । अर्थ: जब भगवान का स्मरण मन से लिया जाता है तो जीव…
About Author
Alex Lorel
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua veniam.