kabir ke dohe
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कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ)
कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय । चाहे कहूँ सत आइना, सो जग…
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कथा कीर्तन कुल विशे, भव सागर की नाव (अर्थ)
कथा कीर्तन कुल विशे, भव सागर की नाव । क़हत कबीरा या जगत, नाहीं और…
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कबिरा ते नर अन्ध हैं, गुरु को कहते और (अर्थ)
कबिरा ते नर अन्ध हैं, गुरु को कहते और । हरि रूठे गुरु ठौर है,…
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कबिरा जपना काठ की, क्या दिखलावे मोय (अर्थ)
कबिरा जपना काठ की, क्या दिखलावे मोय । हिरदय नाम न जपेगा, यह जपनी क्या…
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कबीर यह जग कुछ नहीं, खिन खारा खिन मीठ (अर्थ)
कबीर यह जग कुछ नहीं, खिन खारा खिन मीठ । काल्ह जो बैठा भंडपै, आज…
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कबीर सीप समुद्र की, रटे पियास पियास (अर्थ)
कबीर सीप समुद्र की, रटे पियास पियास । और बूँदी को ना गहे, स्वाति बूँद…
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कबिरा मनहि गयंद है, आंकुश दै-दै राखि (अर्थ)
कबिरा मनहि गयंद है, आंकुश दै-दै राखि । विष की बेली परि हरै, अमृत को…
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Alex Lorel
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