kabir ke dohe
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अटकी भाल शरीर में, तीर रहा है टूट | कबीर के दोहे
अटकी भाल शरीर में, तीर रहा है टूट । चुंबक बिना निकले नहीं, कोटि पठन…
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संत कबीर दास के सम्पूर्ण दोहे (2023) | kabir ke dohe
अटकी भाल शरीर में, तीर रहा है टूट । चुंबक बिना निकले नहीं, कोटि पठन…
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प्रेम पर कबीर के दोहे | prem par kabir ke dohe
प्रेम पर कबीर के दोहे आगि आंचि सहना सुगम, सुगम खडग की धार नेह निबाहन…
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Alex Lorel
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