kabir ke dohe
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पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय (अर्थ)
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय । एकै आखर प्रेम का, पढ़े सो…
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प्रेम न बारी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय (अर्थ)
प्रेम न बारी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय । राजा परजार जोहि रुचे, सीस देइ…
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पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय (अर्थ)
पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय । एक पहर भी नाम बिन, मुक्ति…
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न्हाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय (अर्थ)
न्हाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय । मीन सदा जल में रहै,…
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प्रेम पियाला जो पिये, सीस दक्षिणा देय (अर्थ)
प्रेम पियाला जो पिये, सीस दक्षिणा देय । लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम…
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धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय (अर्थ)
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल…
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नहिं शीतल है, चंद्रमा, हिम नहिं शीतल होय (अर्थ)
नहिं शीतल है, चंद्रमा, हिम नहिं शीतल होय । कबिरा शीतल संतजन, नाम स्नेही होय…
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दया कौन पर कीजिये, कापर निर्दय होय (अर्थ)
दया कौन पर कीजिये, कापर निर्दय होय । साईं के सब जीव है, कीरी कुंजर…
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दया आप हृदय नहीं, ज्ञान कथे वे हद (अर्थ)
दया आप हृदय नहीं, ज्ञान कथे वे हद । ते नर नरक ही जायंगे, सुन-सुन…
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दस द्वारे का पिंजरा, तामें पंछी मौन (अर्थ)
दस द्वारे का पिंजरा, तामें पंछी मौन । रहे को अचरज भयौ, गये अचम्भा कौन…
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Alex Lorel
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